कबीर से किसी ने पूछा-सत्य ओर झुट में कितना फर्क है ?
कबीर ने कहा- चार इंच .
शिष्य ने पूछा - वो कैसे ?
कबीर ने समझाया -आँख ओर कान में चार इंच का ही फर्क है. जो कान में सनाई पड़े वह झूठ ओर जो आँख से दिखाई पड़े वह सच. हमारी जिन्दगी कानो से चल रही है, किसी के विषय में जो कुछ भी सुनते है, उसे परम सत्य मान बैठते है, जबकि भगवान ने हमें दो आँखे भी दी है, यह देखने के लिए की सुना हुआ सच है या नहीं .
मुनिश्री तरुण सागरजी कड़वे प्रवसन 83-4
..........पर कबीर के ज़माने में ये इंच कहां से आ गया:)
भाई बात इंच में हो या अंगुल में बात सटीक है . . बहुत बढ़िया .आभार
आप ने बिलकुल सही कहा, एक बात ओर सच बोलने वाले को बार बार सोचना नही पडता कि ?
धन्यवाद
बिल्कुल सत्य कहा. शब्दों की ऊठापटक करने से बात का वजन कम नही हो जाता. इंच ना हो होगा कोई और माप रहा होगा? पर मूल बात भावना की है.
रामराम.
आँखे भी धोखा दे सकती है, अतः विवेक से काम लें. वैसे कबिरजी ने मार्के की बात कही है.
कबीर के बहाने बात तो सही है ।