भक्ति गीतों कों सुनने के लिए हम सभी आतुर रहते है. मुझे यह गीतिकाए बहुत ही प्रिय लगती है. जिसमे जैन तेरापंथ धर्म संघ के आघप्रवतक प्रथम आचार्य भिक्षु स्वामी कों सम्बोधित है. इन्ह गीतों कों भक्ति भावनापूर्ण आवाज एवं संगीत देने वाले मेरे मित्र एवं जाने माने हिंदी गानों के कम्पोजर गीतकार संगीतकार रवि जैन मुम्बई एवं तेरापंथ क़ी संघ गायक मीनाक्षी भूतोदिया है . आप भी सुने शायद पसंद आ जाए..
प्रथम गीत रवि जैन का गाया हुआ है इस भक्ति गीत कों स्वर एवं बोलो कों लिखने वाले एवं कम्पोजर है रवि जैन . गीत के बोल है चालो सिरियारी .....सिरियारी है पावन घाम ......सिरियारी राजस्थान का एक कस्बा है जहा आचार्य भिक्षु स्वामी ने यहा जप तप किया था एवं समाधि स्थल भी है 300 वर्षो पूर्व का यह इतिहास है
तेरापंथ धर्म संघ में तेरस तिथि का खासा महत्व है. क्यों कि भाद्र्वा शुक्ल पक्ष तेरस कों ही भिक्षु स्वामी ने देह का त्याग कर पाचवे देवलोक में इन्द्र देव बने......प्रति वर्ष सिरियारी में भाद्र्वा शुद्धि तेरस कों घमं जागरण का आयोजन होता है जहा देश विदेश से लाखो लोग भिक्षु समाधि स्थल पर तेरह माला " ॐ भिक्षु , जय भिक्षु " का उच्चारण कर्की गिनी जाती है कहा जाता है कि व्यक्ति क़ी व्याधि यहा आकर दर्शन मात्र से ही खत्म हो जाती है ...
तो रवि जैन द्वारा ही गाया यह भक्ति गीत तेरस ऱी यह रात सुने
संघ गाय्यिका मीनाक्षी भूतोदिया ने तेरापंथ धर्म संघ के सबसे बड़े मन्त्रपद कों अपना स्वर दिया
विघ्हंन हरन मंगल करण. स्वाम भिक्षु रो नाम,
गुण ओलख सुमिरन करे सरे अचिन्तिया काम....
http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/
प्रथम गीत रवि जैन का गाया हुआ है इस भक्ति गीत कों स्वर एवं बोलो कों लिखने वाले एवं कम्पोजर है रवि जैन . गीत के बोल है चालो सिरियारी .....सिरियारी है पावन घाम ......सिरियारी राजस्थान का एक कस्बा है जहा आचार्य भिक्षु स्वामी ने यहा जप तप किया था एवं समाधि स्थल भी है 300 वर्षो पूर्व का यह इतिहास है
तेरापंथ धर्म संघ में तेरस तिथि का खासा महत्व है. क्यों कि भाद्र्वा शुक्ल पक्ष तेरस कों ही भिक्षु स्वामी ने देह का त्याग कर पाचवे देवलोक में इन्द्र देव बने......प्रति वर्ष सिरियारी में भाद्र्वा शुद्धि तेरस कों घमं जागरण का आयोजन होता है जहा देश विदेश से लाखो लोग भिक्षु समाधि स्थल पर तेरह माला " ॐ भिक्षु , जय भिक्षु " का उच्चारण कर्की गिनी जाती है कहा जाता है कि व्यक्ति क़ी व्याधि यहा आकर दर्शन मात्र से ही खत्म हो जाती है ...
तो रवि जैन द्वारा ही गाया यह भक्ति गीत तेरस ऱी यह रात सुने
संघ गाय्यिका मीनाक्षी भूतोदिया ने तेरापंथ धर्म संघ के सबसे बड़े मन्त्रपद कों अपना स्वर दिया
विघ्हंन हरन मंगल करण. स्वाम भिक्षु रो नाम,
गुण ओलख सुमिरन करे सरे अचिन्तिया काम....
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जय भिक्षु...
धमनियों में लपलपाती जीभ का हिलना
थरथराती देह मेरा दांत बजता है |||||||
जय भिक्षु...
bahut khub
shkehar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
अच्छा लगत है आपका इस विषय पर सधे तरीके से लिखना।
Smt. minakshi ji's song was superb
but ravi bhai ne itna accha nahi gaya
what a song vighan haran mangal karan
भिक्षु स्वामी अंतर यामी करज्यो बेड़ो पार आप रो आसरो है केंद्र विशवाश रो है,
कालज रे कोर महार मान में रम्यो है थारो नाम हो..........
सुब कुछ अर्पण थान थे ही तो म्हारा राम धनश्याम हो......
पलक बिछाव दर्शन चावा खोलो अंतर दवार आप रो आसरो है केंद्र विशवाश रो है