आज एक मई को महाराष्ट्र अपनी स्थापना के ५० वे वर्ष मे प्रवेश कर रहा है।
महाराष्ट्र का ऐतिहासिक औए सामाजिक परिदृश्य हमेशा ही समृद्ध रहा है। भारत मे अनेक राज्य है, मगर जिसके नाम मे ही "राष्ट्र' हो ऐसा राज्य सिर्फ महाराष्ट्र ही है। महाराष्ट्र कि महानता और श्रेष्ठता इसी मे प्रतिबिबित है। महाराष्ट्र ने हमेशा देश को दिशा दी है, विचार दिऐ है। मध्य काल मे भी महाराष्ट्र मे आर्थिक, सामिजिक,सास्कृतिक समृद्धि रही है। कला, साहित्य, सस्कृति लगातार फलती फुलती रही है। इसी काल मे पनपी कला का आस्वाद हम आज भी अजन्ता,ऐलोरा, एलिफेन्टा की गुफाओ मे ले सकते है।
महाराष्ट्र मे सन्त महात्माओ की भक्ती भी सुर्य की भॉती तेज दिखा रही थी। नामदेव,एकनाथ, सावता, माली, ज्ञानेश्वर माऊली, नरहरी कुम्भार, सन्त तुकाराम, रामदास स्वामी जैसे सन्तश्रेष्ठो ने भाव भक्ति की गगा महाराष्ट्र के घर-घर पहुचाई। नामदेव ने तो महाराष्ट्र धर्म का झण्डा पुरे देशभर मे बुलन्द किया।
छत्रपती शिवाजी महाराज ने स्वतन्त्रता की ज्योति प्रज्वलित की और महाराष्ट्र का लोहा दिल्ली के तख्त को मानना पडा।
१८५७ के पहले स्वाधीन सग्राम की दशा और दिशा निर्धारित करने श्रेय भी महाराष्ट्र को ही जाता है।
लोकमान्य तिलक ने स्वाधीनता सग्राम कि मशाल जलाई और बापु को भी गोपाल कृष्णा गोखले जैसा गुरु महाराष्ट्र ने ही दिया।
(महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री अशोक चव्हाण प्रधानमन्त्री मनमोहन सिह, उपमुख्यमन्त्री छगनभुजबल)
सामाजिक कुरीतिया, अन्धविश्वास, जाति भेद, मिटाने, स्त्री-पुरुष समानता, शिक्षा का प्रसार जैसे नये विचारो को महाराष्ट्र मे प्रोत्साहन मिला।
महामानव डॉ, बाबा साहेब अम्बेडकर तो एक अनोखी सामाजिक क्रान्ति ही ले आऐ। भारत का सविधान को लिखने वाले बाबा साहेब अम्बेडकर ने देश को एक नई दिशा दी।
अपनी स्वतन्त्र अस्मिता के लिऐ महाराष्ट्र को १०५ हुतात्माओ कि शाहदत देनी पडी, और १ मई १९६० को भारत के शितिज पर सयुक्त महाराष्ट्र का उदय हुआ।
देश कि उधोगिक निति , आई टी, आधारित सेवा नीति, बॉयो टेक्नोलॉजी, न्यू टाऊनशिप पोलिसी,विशाल प्रकल्प नीती, सबसे पहले महाराष्ट्र मे लागु कि गई। भारत सरकार के राजस्व मे ४५% अकेले महाराष्ट्र कि भागिदारी है। देश कि नामी गिरामी हस्तियो के कारोबार, एवम निवास महाराष्ट्र मे है। बोलिवुड महाराष्ट्र से पुरे देश का मनोरज करता है तो शेयर बजार महाराष्ट्र की भूमि से पुरे भारत को आर्थिक सम्बलता प्रधान करता है।
आज आप और हम मिलकर इस महान राज्य कि स्थापना का जश्न मनाऐ एवम शुभकामानाऐ प्रेषित करते है कि हे महाराष्ट्र तुम भारत देश के विकास मे अपनी भुमिका को निरन्तर अग्रसर बने रहो।
जय हिन्द
जय महाराष्ट्रा
अजन्ता एलोरा एलोरा मन्दिर एलिफेंटा गुफा वी. टी. स्टेसन
कृंपया इन चित्रों को बड़ा कर देखे यह सभी महाराष्ट्रा की शान है.
आपको बधाई.
आज गुजरात स्थापना दिवस भी है. तब मुम्बई राज्य के दो भाग हुए थे. मुम्बई शहर को महाराष्ट्र में रखा गया ताकि सारी आर्थिक ताकत गुजरात न चली जाये.
महाराष्ट्र और गुजरात वासियों को स्थापना दिवस की बधाई! दुनिया भर के श्रमजीवियों को मई दिवस का अभिवादन!
और इस महाराष्ट्र का यह कैसा दुर्भाग्य है कि कुछ टुच्चे किस्म के स्वार्थी राजनेता अब इस 'महा' को अपनी तरह 'क्षुद्र' में बदलना चाहते हैं.
महाराष्ट्र सचमुच महा-राष्ट्र है। गर्व करने योग्य।
भाषाई आधार पर प्रान्तों का गठन हमारे राजनेताओं की भयंकर भूल रही है. भारत एक राष्ट्र के बदले कई राष्ट्रों में बँट गया. उस क्षेत्र के उन महान आत्माओं को नमन.
महाराष्ट्र एवम गुजरात को स्थापना दिवस की बधाई और हम जैसे मजदुरों को श्रम दिवस की बधाईयां.
रामराम.
जय महाराष्ट्रा...बधाई.