जैन धर्म में नमस्कारमन्त्रकोमहामंत्रमाना गया है। चित्रों एवं कहानी के माध्यम से पाठको को आचार्य महाप्रज्ञ जी के विद्धवान शिष्य मुनि श्री जिनेकुमार जी अपनी नई खोज के माध्यम से बता रहे है उसके लाभ। सभी चित्रों को बड़ा कराने के लिए उस पर चटका लगाए .
wah bahut badhiya... blogging mai bhi Jain dharam ke maha mantra ka post dekh ke bahut accha laga...
Jai Jinendra...!!!
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आपकी अमुल्य टीपणीयो के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद। आपका हे प्रभु यह तेरापन्थ के हिन्दी ब्लोग पर तेह दिल से स्वागत है। आपका छोटा सा कमेन्ट भी हमारा उत्साह बढता है-
पथ यह पवित्र हैं
खींचा अच्छा चित्र है
नमस्कार मेरी मित्र
मैं ने जैन धर्म एवं आचार्य महाप्रज्ञ जी दोनों को काफी निकट से जाना है. आज पुन: इस चित्र-आलेख को पढ कर मन एकदम तरोताजा हो गया.
सस्नेह -- शास्त्री
जी आपने बहुत अच्छा और आत्मकल्याणक आलेख लिखा है. बहुत धन्यवाद.
रामराम.
मेरे ब्लोग पर लता मँगेशकर दीदी जी का गाया हुआ परम पवित्र नवकार मँत्र भी सुनियेगा
- लावण्या
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Jai Jinendra...!!!