आज ताज, "वाह ताज" बनने जा रहा

Posted: 20 दिसंबर 2008
चिट्ठाजगत

यह मुम्बईकरो का जीवट ही है कि आतकी हमलो के एक महीने से कम अन्तराल के कम अन्तराल के अन्दर मुम्बई की शान ताज होटल और ट्राइडेन्ट होटल मरम्म्त और फर्निशिग के बाद आज अर्थात २१ दिसम्बर रविवार को पुनः शुरु हो रहे है। सबसे रोचक बात यह है कि री-स्टार्ट के पहले ही दिन उन मेहमानो मे ज्यादा उत्साह है जो आतकी हमले की शाम वहॉ खाना खा रहे थे या ठहरे हुये थे। वे चाहते आज जब इन हॉटलो मे फिर से हलचल लोटे तो उन लम्हो को वे अपनी पलको मे सन्जो सके।
१०० साल से ज्यादा पुराने ताज हॉटल को आज शाम ७-३० बजे दोबारा खोल दिया जायेगा। रेस्टोरेन्ट और बार जैसे शामियाना, मसाला क्राफ्ट, एकुआरिस, सूक, स्टॉरबोर्ड, ला पैटिसायरी और जोडियेक ग्रिल, सभी शुरु हो जायेगे। इन रेस्टोरेन्ट और इटरीज को ऑतकवादियो ने तहसनहस कर दिया था। यह वही नालन्दा बुक स्टॉल है, जिसमे शरण लेकर उस दिन कई मेहमानो ने अपनी जान बचाई थी।
आज ताज ने आतकवादियो को हरा दिया । पुन अपने पैरो पर सीना तान खडा है ताज। अपने सिर पर मुकुट (ताज) धारण कर आतकियो को बता दिया है कि वो इस थोथे हमलो से डरने वाला नही, यह भारत माता का मुकट है, और उसका नाम ताज है। नये ताज मे २६८ कमरे है, जिनका एक रात मे किराया हजारो मे होता है मेहमानो के लिये खोल दिये जायेगे। इन्ह रुम मे ९ सूट और २६ ताज कलब रुम है।
यह एक हेरिटेज इमारत है पर अब यह भारत का ताज बन गया है। ताज अब हमारा गोरव है। सेकडो विदेशीयो ने भारत आकर ताज को सलाम करने कि ईच्छा जता चुके है, जख्मो को अपने प्यार से भरना चाहते।
वेसे तो ताज मे जाने का अवसर बहुत बार मिलता रहा मुझे। हम इन्टरनेशल इवेन्ट आयोजित करते है और हमारे कलाईन्ट विदेशी है। अर्थात हमारी मिटिग का स्थल कभी-कभी यहॉ भी होता है। २२ जनवरी से २५ जनवरी को मेरी कम्पनी इन्टरनेशल फैशन ज्वेलरी का शो NSC ग्राऊन्ड मुम्बई मे करने जा रही है और हमारे बहुत से विदिशी और भारतिय मेहमान भी यहा रुकने वाले है। कहने का मतलब यह है कि व्यापार कि दृष्टि से हॉटल ताज मे जाना होता रहा है, पर कभी भी ताज को खुली ऑखो से नही देखा। कभी कभी शिष्टाचार कि वजह से भी सेवन स्टार हॉटल और सेवन स्टार मेहमान के कारण, मेरे मन को यह सभी देखने करने के लिये रोकना पडता है। आज मेरी ईच्छा है कि मै अकेला ताज जाऊ, उसे देखू । उससे पुछु कैसे हजारो गोलियो का सामना किया ? उसके दर्द को अपने हाथो से सहलाना चाहता हु। मै ताज के लहुलुहान हुये दिल से कहना चाहता हु यह तेरी नही पुरे भारत और भारत कि जनता कि लडाई है । मै कुछ समय रुक कर चाव से ताज को देखना चाहता हू। देखो कब जाना होता है।
ओबेरोय समुह कि ट्राइडेन्ट होटल भी आज ही पुनः शुरु हो रहे है। इस हॉटल मे टिफिन और कन्धार नाम से महसुर रेस्टोरेन्ट भी मरम्मत के बाद आज ही शुरु हो रहे है। यहॉ का कॉफी शॉप भी शुरु हो रहा है। इस पल को ससार देखना चाहता है इस खुशी के माहोल मे दुनियॉ भागिदार होना चाहती है। किन्तु ताज मेनेजमेन्ट ने कल २० दिसम्बर को प्री-ओपनिग पार्टी दि, जिसमे कर्मचारी ही शामिल हुऐ। पुरा स्टाफ रात दिन से जि जान से काम कर रहे है यह उनके कठोर परिश्रम का फल है कि आज ताज, "वाह ताज" बनने जा रहा है ।
आओ आज से नए ताज कि शुरुआत करे,
अतित को भुल नये सिरे से बात करे।
आओ हम नये युग का निर्माण करे,
आओ हम नये क्षितिज का अनुसघान करे,
क्यो कि आज हम भी ताज को सलाम करे॥








2 comments:

  1. रश्मि प्रभा... 23 दिसंबर, 2008

    आओ हम नये युग का निर्माण करे,......
    atit apni jagah hota hai,navnirmaan,nayi aashaaon ke saath jeena apne haath me hota hai,wah taaj wah hi rahe -yahi kamna hai ....
    bahut achha likha hai

  2. ताऊ रामपुरिया 23 दिसंबर, 2008

    आपने ताज और ओबेराय पर अच्छी पोस्ट लिखी ! ताज के ग्राउंड फ़्लोर पर "तन्जौरे" रेस्टोरेन्ट है ! मैं पिछले ३० साल से जब भी मुम्बई गया हूं इस रेस्टोरेन मे जाता हूं ! यहां की एक थाली होती है उस थाली का मेनू और स्वाद ३० साल मे भी नही बदला है !

    और एक बात कि इस थाली मे मेरे हिसाब से एक करेले की सब्जी होती थी ! अब जहां तक सर्व करने की बात है तो कभी जरुरत ही नही पडी कि कोई चीज मांगी जाये !

    फ़िर अभी दसेक साल पहले ऐसे ही मौके पर खाना खाते हुये वेटर ने बडे प्रेम से पूछा - सर और क्या लेंगे ? अब उसने जिस आत्मियता से पूछा था तो मैणे कहा - भाई ये करेले की थोडी सब्जी और ले आओ !

    अब वो मेरा मूंह देखना लगा ! वो बोला सर इस थाली के मेनू मे करेला तो कभी होता ही नही है ? और आज तो करेले की युं भी कोई डिश नही है जो मैं ले आऊं ?

    मैने कहा - भले आदमी, अब मैने दोस्त की थाली मे रखा करेला उसको दिखाते हुये कहा - ये क्या है ? ये रहा करेला ! और इसि करेले की सब्जी की वजह से मैं वर्षों से इस रेस्टोरेन्ट मे आता हूं !

    वो बडी विनम्रता से बोला - सर ये तो भरवां बैंगन है ! और खुशी खु्शी ले आया !

    तो भाअई ये है ताज और उसका जलवा ! बहुत नाज है इस ताज पे हम सब भारतियों को !

    आज आपके साथ अच्छी गप शप हो गई ! बोर किया हो तो माफ़ करना !

    रामराम !

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