"लोगो का कहना है- हम कैसे मनाये क्रिसमस"

Posted: 23 दिसंबर 2008
चिट्ठाजगत
म एक ओर क्रिसमस मनाने की तैयारी मे जुटे है। देश और दुनियॉ बडते क्राईम बैरोजगारी, आतकवाद वैश्विक आर्थिक मन्दी एवम कर्ज से जुझ रहा है। लोगो मे चर्चा का मुद्दा है गिरते हुऐ नैतिक मुल्य का। बहुत से लोगो का कहना है हम कैसे मनाये क्रिसमस को जबकि हमारे घरेलु आर्थिक स्थिति एवम सामाजिक स्थिति चरमराई हुई है। क्या क्रिसमस मनाने से मेरे घर कि स्थिति ठिक हो जायेगी ? बहुत सारे घरो मे क्रिसमस का एक समय का भोजन भी नसीब नही होगा। कई माता पिता अपने बच्चो को वो तोहफे भी नही दे पायेगे जो वो देना चाहते थे। यह ऐसा क्यू ? वो इसलिये कि जो समाज हमारी सन्सकृति कि ‍रक्षा करता था, लोगो का उस समाजिक व्यवस्था पर से भरोसा उठ गया है। माजिक एवम सरकारी व्यवस्था से लोगो का शायद इसलिये भरोसा उठ गया है क्यो कि आप और हम कई मर्तबा धोखा खा चुके है। ऐसे समय पर हमारे विश्वास को कई बार चुनोति दी गई जब ससार आर्थिक तकलिफो से परेशान है। पुरी व्यवस्था मे अपराघियो का आधिपत्य हो गया है। आतकियो कि दशहतगिरी, एवम सत्ता मे बैठे लोगो कि कारगुजारियो ने सभी त्योहारो को एवम उसकी महत्ता को फिका करने कोशिस रग लाती नजर आती है। क्यो कि लोगो के समुह से बना समाज और शासक लोगो के प्रति अपने दायत्व को खुटी मे लट्का दिया है। म्भवत अब लोगो के लिये आम जिवन मे हिसा, आतक, गरीबी, लुटपाट, बलात्कार, मामुली घटना बन कर रह गई है। क्या समाज मे शान्ति को फिर से स्थापिथ क्या जा सकता है ? तो मेरा जवाब है-"हॉ' हॉ" । हमे सरलता एवम सहजता से अपने विचारो को जिसस क्राईस्ट के सन्देश के साथ मिलाना होगा।
Jesus said, “Peace I leave with you, my peace I give unto you: not as the world giveth, give I unto you। Let not your heart be troubled, neither let it be afraid।” (John 14:27)
मे तकलिफो कि घडी मे, उजाले कि एक किरण नजर आती है और वो है हमारे गुरुओ द्वारा स्थापित वैचारिक मुल्य मे। उनके आदर्शो को त्याहारो के माध्यम से एक दुसरे मे बाटकर हम आपस मे अपना भला करने मे सक्षम हो सकते है क्रिसमस का त्योहार हमे हमारी तकलिफो को सहन करने कि शक्ति को ओर प्रभावि बनाता है। हमसे ज्यादा गरीब लोगो कि मदद करते हुए हम क्रिस्मस कि सच्ची भावना को मह्सुस कर सकते है। इसीलिये क्रिस्मस को मनाते हुए, हम अपने मित्रो और आस-पडोस के लोगो को याद करते है जिन्हे हमारि मदद कि बहुत जरुरत है। हमे ईसु कि स्थापित की हुइ शान्ति एवम अच्छाई को समाज देश दुनिया मे, हमारे लोगो के बीच लेकर जाना चाहिये और इसके लिये क्रिस्मस से अच्छा मौका नही मिलेगा। हमे सभी धर्मो एवम धर्माचार्यो का शुक्रिया अदा करना चाहिये उनके दयाभाव और प्यार के लिये। गर हम सभी ऐसा करते है तो हम 2009 मै कई चिजो मे बदलाव देखेगे, एक बद्लाव जो लोगो मे विश्वास लायेग, शान्ती लायेगा, समाज देश और दुनियॉ मे एकता लायेगा। और यह एक ऐसा बदलाव होगा कि इस दुनियॉ का अच्छा करेगा । एक ऐसा बदलाव जिसमे आपस मे भरोसा बनेगा। कही कोई डर नही रहेगा। भयमुक्त समाज कि सरचना हो पायेगी। लोग प्यार मोहब्बत से सभी धर्मो के त्योहारो को मनायेगे। सभी के घर मे चुल्हा जलेगा। तभी किसी महान पुरुष कि याद मे मनाये जाने वाले त्योहारो कि सार्थकता बनी रह सकती है। सार मे सभी को मेरे और मेरे परिवार कि ओर से हेपी Christmasप सभी के लिये क्रिस्समस का यह त्योहार खुब खुसियॉ आपस मे प्यार, अच्छे स्वास्थय एवम मगलमय जीवन प्रदान करे यही मेरी कामना प्रभु से है।।
परोक्त आलेख को अग्रेजी मे पढने के लिये लोग इन करे
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5 comments:

  1. love_2_live 23 दिसंबर, 2008

    papa..aapka blog bahut acha laga..aapko bhi merry christmas....aapka blog bahut pyaara sajayaa hai..aur aapke vichaar bahut saral hai..main bahut jald ghar aaoongi..yaha panchgani main bahut bore hota hai..aap jain hokar bhi dusre dharm ka shai tarike se aadar karte hai yah dekhkar acha laga..

  2. Unknown 24 दिसंबर, 2008

    बहुत ही अच्छी लगी ये रचना पढ़ कर...आपको क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाये

  3. राज भाटिय़ा 26 दिसंबर, 2008

    बहुत अच्छा लगा आप का लेख, आप को क्रिसमस की बहुत बधाई

  4. बेनामी 27 दिसंबर, 2008

    bahut sundar lekh laga, xmas ki badhai

  5. Vineeta Yashsavi 28 दिसंबर, 2008

    Achhi rachna likhi hai apne. Cristmas ki apko bhi shubhkaamnaye.

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