डॉ,राजेन्द्रप्रसाद आचार्य तुलसी सवाद

Posted: 11 अगस्त 2009
भारतीय विधान परिषद अध्यक्ष  देशरत्न डा राजेन्द्रप्रसाद आचार्य तुलसी के दर्शनार्थ दिल्ली से वायुयान द्वारा जयपुर  आऎ. डा राजेन्द्रप्रसाद ने विनम्रता पुर्वक आचार्य तुलसी  को प्रणाम किया.
शान्त मुद्रा मे बैठ गये. लगभग दो घण्टा विचार विनिमय हुआ.

डा राजेन्द्रप्रसाद -" जैन ग्रन्थो की मोलिक भाषा कोनसी है ?
आचार्य तुलसी  -" जैन आगम अर्धमागधी भाषा मे है."
डा राजेन्द्रप्रसाद -" इस वक्त देश मे नैतिक आन्दोलन की बदी आवश्यकता है. यघपि हम विदेशी पराधीनता से मुक्त हो गये है. फ़िर भी अपने देश की गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए यदि हमने नैतिक स्तर को नही सम्भाला तो देश का पतन हो जाऎगा.
आचार्य तुलसी  -" नैतिक वातावरण बनाने के लिऎ बडे नेताऒ का सहयोग भी अपेक्षित है. 
डॉ,राजेन्द्रप्रसाद -" धर्म के बारे मे आप क्या कहते है ?"
आचार्य तुलसी  -" किसी को मारना या बचाना ही धर्म-अधर्म नही है. धर्म का सम्बन्ध आत्मा के उत्थान  से  है.जिस प्रवत्ति से आत्मा का पतन हो  वह कभी धर्म नही हो सकता.( आचार्य श्री ने डा राजेन्द्रप्रसादजी को वह चित्र दिखाया जिसमे चोर, कसाई, और व्यभिचारी पुरूषो को समझाकर उनकी चोरी हत्या व व्यभिचारी की प्रवति छुडाई गई).
डा राजेन्द्रप्रसाद -"आज आपके दर्शनो से मुझे बडी प्रसन्न्ता हुई. मै अणुव्रती सघ के विषय मे गहरा अनुशीलन करुगा. अणुव्रत आपके द्वारा दिया गया एक ऎसा आन्दोलन है जिसकी भारत को ही नही, विश्व को अपेक्षा  है. मै चाहता हू इसका बाहर भी प्रचार हो .
धर्म, दर्शन, और साहित्य, के सन्दर्भ मे विविघ आयामी चर्चा के बाद मुनिश्री नथमलजी( जो अब तेरापन्थ के दशम आचार्य महाप्रज्ञ के नाम से जाने जाते है) ने राजनिति मे हिन्सा विषय पर सस्कृत मे आसु कविता की. उसे सुनकर राष्ट्र्पतिजी अत्याधिक प्रसन्न हुऎ.प्रस्थान करने से पुर्व राजेन्द्र बाबू ने भूमि पर मस्तक टिकाकर आचार्यश्री को भक्तीपुर्ण प्रणाम किया.
जयपुर
चन्दनमहल
नवम्बर १९४९
आचार्य तुलसी सवाद शिखरपुरुषो के साथ-१
सम्पादिका- साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा
पेज क्रमाक १ से ६
Acharya Shri Tulsi

     Name : Acharya Shri Tulsi
     Date of Birth : 20th October 1914
     Place of Birth : Laudanum (Rajasthan)
     Name of Parents : Jhoomarmal, Vandana
     Initiation- Date : 5th December 1925
     Place : Ladnun (Rajasthan)
     Guru : Shri Kalugani
     Designated Acharya  
     Date : 26th August 1936
     Place : Gangapur (Rajasthan)
     Name : Acharya Shri Tulsi
     Designated Yugpradhan
     (Pradhan of the Era)
 
     Date : 2nd February 1971
     Place : Bidasar (Rajasthan)
     Name : Yugpradhan Acharya Shri Tulsi
     Journey by Foot : 62,000 miles
     Writings : more than 100 books

4 comments:

  1. Arshia Ali 12 अगस्त, 2009

    Is etihasik prasang se parichay karaane kaa aabhaar.
    { Treasurer-S, T }

  2. लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` 12 अगस्त, 2009

    आभार --
    दोनों महापुरुषों के वार्तालाप को ,
    सदा के लिए ,
    वेब पर स्थापित करने के लिए
    - लावण्या

  3. usha jain 12 अगस्त, 2009

    bahut achhi site bana rakhi hai .

  4. Happy Bird 27 नवंबर, 2009

    u r doing fantastic work.

    keep burning this fire

    Best wishes
    ww.mahimajain.blogspot.com

एक टिप्पणी भेजें

आपकी अमुल्य टीपणीयो के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद।
आपका हे प्रभु यह तेरापन्थ के हिन्दी ब्लोग पर तेह दिल से स्वागत है। आपका छोटा सा कमेन्ट भी हमारा उत्साह बढता है-