ब्लॉगवाणी, चिठ्ठाजगत, नारदमुनी ताऊ, शास्त्रीजी, भाटीयॉजी,सिद्धार्थ को हुआ ब्लोगेरिया इसकी चपेट मे पुरा देश

Posted: 18 जनवरी 2009

ताजा खबर के अनुसार हरियाणवी ताऊ और शास्त्रीजी को ब्लोगेरियॉ (चिट्ठाकार) नामक बिमारी ने जकड लिया है। इस महामारी ने पुरे देश को अपनी चपेट मे ले लिया है। सुत्रो के अनुशार ब्लोगेरिया नामक इस बिमारी ने अब तक अग्रेजीस्थान (विदेशी भाषा) मे ही कहर बरपाते हुये देखा गया था, पर इसके लक्ष्ण हिन्दिस्थान (हिन्दी भाषा) मे उतर-पुर्वी राज्यो मे पिछले तीन वर्षो से कही कही देखने को मिले थे। सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन मे भी अग्रेजीस्थान मे कुछ समय पुर्व मे ब्लोगेरियॉ के लक्ष्ण पाये गये थे जो बाद मे पुरे हिन्दिस्थान को इस "ब्लोगेरिया" ने अपनी चपेट मे ले लिया। इसके चपेट मे आने वाले वालो मे महिलाऐ एवम बच्चे भी है।
बर के मुताबिक भारत भर मे करीब दस लाख लोग अब तक इस रोग से प्रभावित हुये है। इस महामारी ने उत्तरप्रदेश, दिल्ली एवम उसके आसपास के क्षैत्रो मे सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। ,
हरियाणवी ताऊजी, शास्त्रीजी, नारदमुनीजी, सुरेश चिपलुनकरजी, पुण्य प्रशुन, हिन्द युगम, राज भाटीयॉजी, उडन तश्तरी, शिवकुमार मिश्रजी, ई गुरु,पंगेबाज” बेंगाणीजी ,ज्ञानदत्तजी पाण्डेय,रवि रतलामी,समीर लालजी, विनय छजलानीजी, आशीष खण्डेलवालजी, कुन्नू सिंह, सिद्धार्थ त्रिपाठीजी
एवम महिलाऔ मे घुघूती बासूती जी तथा सरिता अरगरेजी, मनीषाजी, सुनीताजी शानू, सगिता पुरीजी, श्रद्धाजी जैन, सिमा गुप्ताजी, रश्मीजी, अल्पना वर्माजी, श्रृतिजी, कवितावाचक्नवीजी, पुनमजी, रजना सिहजी, राधिका जी, सुजाताजी, पूर्णिमा वर्मन, वनिताजी यशस्वीजी सहित अनेक प्रमुख लोग है जिन्हे ब्लोगेरिया हुआ है।
ब्लोगेरियॉ के प्रमुख लक्षण है-:
(१) दिन-रात कम्पीयूटर के सामने बैठकर मन ही मन मुस्कराना या अचानक चेहरे पर तनाव एवम गुस्सा आना एवम कम्पीयूटर key कि जोर जोर से अवाजे आना।
(२) अचानक निन्द से उठकर कम्पीयूटर को खोलकर बार बार कमेण्ट बोक्स देख्नना व कमेन्ट गिनना
(३) काम धन्दा छोडकर पुरा पुरा दिन कम्पीयूटर के साथ छेडखानी करना
(४)दुनियॉ भरके लोगो को कम्पीयूटर द्वारा मुफ्त मे सलाह देना।
(5) दुध का बिल्ल भले ही समय पर ना दे, पर नेट का बिल समय से भरना।
(6) छुटी के दिन परिवार को समय नही देना एवम घुमने जाने का कहने पर यह कहना मेरे पास समय नही है, देख नही रही हो काम कर रहा हू। 7
(7) कार्यालयो का काम छोड कम्पीयूटर/ नेट पर अपने एवम लोगो के ब्लोग देखना एवम लिखना
(8) चश्मा लग जाना, एवम ऑखो कि रोशनी कम होना।
(9) चलते फिरते लोगो को बधायॉ देना।
(10) कम्पीयूटर के सामने बैठे बैठे अचानक वजन बड जाना।
(11) बुद्धु बक्से (कम्पीयूटर) के सग रहकर दुनियॉ घुम आने का आभास करना एवम दुनियॉ भर के लोगो कि क्रियाओ पर फोखट मे भेजामारी करना।
(12) धन खर्चकर रोजना पुस्तको अखबारो को खरीद कर लाना।
(जैसे कोई दुनियॉ का पुरा ठेका ले लिया हो। बेचारे अखबारो कि तो कटीग कर-कर फजिहत कर डालते है, रद्दी वाला भी तार तार हुये अखबारो से परेशान हो जाता है।)
(१३) परिवारवालो ने भुल से भी अखबार एवम पुस्तके रद्दी वाले को बेच दी हो और कोई गुस्से से तमतमा जाये तो। अन्य।
ह प्रमुख लक्षण ब्लोगेरिया नामक इस माहमारी के जान पडते है। भविष्य मे ब्लोगेरिया कि सख्या मे वृद्धि कि आशका जताई जा रही है। समय रहते सरकार ने ब्लोगेरिया से पिडीत लोगो को आर्थिक साहयता प्रदान नही कि तो या इसके आर्थिक पहलु पर ध्यान नही दिया तो ब्लोगेरिया का नशा परिवारो मे बेरोजगारी पैदा कर देगी जो घातक है। लोगो का नशा उतरने का इन्ताजार करने मे देरी हो जायेगी।
नोट-: (उपरोक्त व्यग है, जो मेरी कलपना है, मै भी इस रोग से पिडीत मानव हू। जिन्ह लोगो का भी इसमे नाम लिया वो मेरे आदरणिय है। उनके बिना मेरी यह कल्पना का कोई ठोर नही था, अतः क्षमायाचना के साथ कहना चाहुगा मेरे इस व्यग को अन्यथा न ले। और मेरी सोच जो चिठाकारो कि हकिकत है यह बात चिन्तनिय है, आपके बहुमुल्य विचारो कि अपेक्षा करता हु। क्यो कि मुझे भी ब्लोगेरिया के रोग ने जकड रखा है आपके पास दवा हो तो जरुर बताये। इस लेख के तीन भाग प्रसारीत होगे)

30 comments:

  1. बेनामी 18 जनवरी, 2009

    Apne blogriyo ke lakshan bilkul sahi pahchane hai.

  2. Dr Parveen Chopra 18 जनवरी, 2009

    आप ने जो लक्षण लिखे हैं उन के आधार पर तो लगता है कि अपुन को भी यह ब्लोगेरिया लग ही चुका है ---ठीक है, इस की दवा ढूंढ कर आप को मेल भेजता हूं.
    बहुत बढ़िया लगा आप का यह व्यंग्य--विशेषकर जब अपने बंधु लक्षण पढ़ेगे तो हंसी से लोटपोट हुये बिना नहीं रह पायेंगे.

  3. Arvind Mishra 18 जनवरी, 2009

    शुक्र है हम तो बचे हैं !

  4. बेनामी 18 जनवरी, 2009

    सुंदर चित्रण किया है. हम ये जो टीपिया रहे हैं यह भी इस बीमारी के लाक्षण हैं. आभार.

  5. बेनामी 18 जनवरी, 2009

    अरविन्दजी, यार आपको तो लेख कि अतिम कडी के समापान समारोह मे बुलाने वाला हु। सुटकेस तैयार रखे। (३ भाग मे)

    सुब्रमनियम साहब और विनिताजी चिन्ता नही करे डॉ प्रवीणजी चोपडा साहब ने भरोसा दिलाया है कि इसका इलाज ढुढकर भेजने वाले है

  6. ghughutibasuti 18 जनवरी, 2009

    मुझमें अभी भी बहुत से लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्णतया रोगग्रस्त होने में समय लगेगा। जब अच्छे से रोग लग जाएगा तो एक पोस्ट लिखकर खबर कर दूँगी। :D
    वैसे रोगिओं की विशिष्ट सूची में सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद।
    घुघूती बासूती

  7. Udan Tashtari 18 जनवरी, 2009

    haa haa!! हा हा!! बहुत मस्त!! क्या सोच है जी!! कोई दवा/ वेक्सीन भी बताते महाराज तो सही रहता. मजा आ गया. ग्रेट!

  8. Udan Tashtari 18 जनवरी, 2009

    सबसे बड़े बीमार फुरसतिया जी, जिनसे सबको इन्फेक्शन फैला, वो कहाँ गायब हो गये लिस्ट से? ज्ञान जी भी लिस्ट में आने के लिए सफिशियेन्ट बीमार है भई!!

  9. Kavita Vachaknavee 18 जनवरी, 2009

    अह् अह अहा!! ऐसा न होता तो रात पौने दो बजे इसे पढ़ने यहाँ कैसी आती?

    वैसे आपने यह वैद्यिकी कहाँ सीखी? कोई औषधि?

  10. Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji 18 जनवरी, 2009

    हा हा हा
    सभी को बहुत ही खूबसूरती से लपेटा है. लगता है कि आप मंझा लपेटने के भी एक्सपर्ट हो !!
    और यह व्यंग्य नहीं हम सबकी हकीकत है. हम सबकी पोल खोलने के लिए यानि कि गुरुकुल का नियम तोड़ने के लिए आपको ई-गुरु की ओर से एक नया ब्लॉग बनाने का दंड दिया जाता है.

  11. जितेन्द़ भगत 18 जनवरी, 2009

    सही डायग्‍नोसि‍स है जी, यह रोग कमोबेश यहॉं सबको लगी है।

  12. संजय बेंगाणी 18 जनवरी, 2009

    इलाज नहीं बताया?

    प्रेक्षाध्यान करों और बचो :)

    चिट्ठाकारी में उतरने की बधाई व शुभकामनाएं.

  13. रंजू भाटिया 18 जनवरी, 2009

    चलिए हम तो बच गए हैं :)

  14. रंजू भाटिया 18 जनवरी, 2009

    चलिए हम तो बच गए हैं :)

  15. mamta 18 जनवरी, 2009

    बढ़िया और एकदम मस्त ।

  16. Pt. D.K. Sharma "Vatsa" 18 जनवरी, 2009

    आपने बिल्कुल सही वर्णन किया है.वाकई ये ब्लागिंग की बीमारी तो महामारी की तरह फैल रही है..........

  17. राज भाटिय़ा 18 जनवरी, 2009

    सच मै भाई यह बहुत खतरनाक बिमारी है, कोई ईलाज हो तो बताना, लेकिन खुद बच के रहना, कही हमे बचाते बचाते खुद ही इस की लपेट मे ना आ जाना.
    बहुत सुंदर धन्यवाद

  18. seema gupta 19 जनवरी, 2009

    " बीमारी के लक्षण पढ़ कर आज ही पता चला की असली बीमारी क्या है...वैसे ही डॉक्टर के पास समय खराब किया हमने हा हा हा हा हा हा ......लकिन गम नही क्यूंकि हम अकेले नही यहाँ तो इलाज के लिए काफी लम्बी लाइन है .....और इन्तजार है इलाज का....रोचक रहा इस जानकारी को पढना "

    Regards

  19. बेनामी 19 जनवरी, 2009

    आपने समय निकाल कर मुझे सराहा, ईसलिये आप सबका आभार।
    Mired Mirage- जी के लिये मेरा प्यारा जवाब-:
    (मै भी मेरी पत्नि से यही कहता रहता हु कि मुझे ब्लोगेरिया नही हुआ, किन्तु वो कहती है " हर बिमार व्यक्ति ऐसी बात करके अपने आपको को झुठी दिलासा देता है। थैन्क गोड! आप ब्लोगेरिया से पिडित नही है।}

    Udan Tashtari- जी से मै बात कर रहा हु।
    शुक्रिया जी!ताऊ और शास्त्रीजी कि जॉस कि रिपोर्ट तो आने दो । उनकी डॉक्टरी जॉस मे ब्लोगेरिया के लक्षण कितनी मात्रा मे पाये जाते है उसके बाद ही वैक्सिन बताउगा जी !
    उपेनजी!पेसेन्ट लिस्ट मे ज्ञानजी का नाम तो है सरकार ! फुरसतियाजी तो खुद भागे भागे फिर रहे है आप भरोसा रखे डाक्टरो कि टीम जल्दी ही उन्हे पकडकर जॉस के बाद इस लिस्ट मे डाल देगी। इन्फेकसन वाली बात भी मजेदार लगी।

  20. PD 19 जनवरी, 2009

    padhna shuru kiya to ghabra gaya.. kahin ham bhi to iski chapet me nahi hain.. magar hamaraa nam nahi nikla.. jaan me jaan aayi.. :)

  21. कुश 19 जनवरी, 2009

    इस बीमारी से तो डॉक्टर लोग भी परेशान है.. इलाज़ कौन करेगा..

  22. बेनामी 19 जनवरी, 2009

    A very good article. Some news needs to be corrected

    1. I have left Kochi and I am on holidays for 10 days to get medical attention for my Blogoria

    2. I do not have a computer, hindi software, and other things as a precaution.

    3. I spend the days in old palaces and forts with a camera so that my blogoria is cured.

    4. You will know soon about my health condition

    with love


    Shastri (Karnataka)

  23. ताऊ रामपुरिया 19 जनवरी, 2009

    भाई आपने १३ लक्षण बताये, पर हम तो इन तेरह के अलावा और ८ लक्षण भी खुद मे और हमारे गुरुओं मे देख रहे हैं, हमको तो आपकी इस पोस्ट का पता अभी चला है जब आ. शाश्त्री जी ने यह लिंक भेजा.

    और भाई आपसे हाथ जोडकर निवेदन है कि आप ताई को यह सब मत बता देना, कि हम कम्प्यूटर पर आफ़िस का काम नही बल्कि ये ब्लागिंग ब्लागिंग का खेल खेलते हैं, वर्ना हमारा हाल खराब हो जायेगा, और जो ब्लागिवुड मे हमको झेल ्रहे हैं फ़िर वो किसको झेलेंगे?

    वैसे ये छुआछुतिया रोग हमे हमारे गुरुओं आ. समीरलालजी और डा.अमरकुमार जी ने दिया है, इसमे खाद पानी देने का काम आ. ज्ञानदत्त जी पांडे, फ़ुरसतिया जी, अरविंद मिश्रा जी, राज भाटियाजी...इनहोने किया है. कभी मैं पकडा जाऊं तो ये नाम आपतो बता देना. :)

    रामराम.

  24. Shiv 19 जनवरी, 2009

    बहुत बढ़िया.

    वैसे लक्षण तो जाने-पहचाने हैं. तो ये बीमारी है. आपने नाम बताकर अच्छा किया. ब्लागेरिया का इलाज क्या हो सकता है? वैसे कोई बहुत ख़राब बीमारी नहीं लगती. इसलिए इलाज खोजने की कोई बहुत जल्दी नहीं है. वैसे ये काम डॉक्टर साहब लोग ही कर सकते हैं. चोपड़ा साहब ने भरोसा दिलाया है.

  25. Unknown 20 जनवरी, 2009

    bahut badhiya.......chaliye hame abhi tak ye rog nahi lagi hai...

  26. सीमा सचदेव 20 जनवरी, 2009

    आपके बताए लक्षणों मे से अभी तीन-चार लक्षण ऐसे है जो अभी तक हमने अपने आप मे नहीं पनपने दिए ( मजबूरी वश )
    कीटाणु तो उसके भी मौजूद हैं | बहुत ही अच्छा लगा पढ कर | सादर

  27. News4Nation 22 जनवरी, 2009

    बड़ी गहरी सोच का इस्तेमाल करना पढ़ा होगा आपको...बहुत अच्छी तरह से बताया आपने !!
    मैं तो आपके लेखन कार्य का पहेले से ही दीवाना रहा हूँ....सच मजा आ गया!!

  28. विक्रांत बेशर्मा 26 जनवरी, 2009

    आपका लेख अच्छा लगा है ...उम्मीद है की ये बीमारी और लोगों को भी लगे ताकि देश में हिन्दी का विकास हो !!!!!!!!!

  29. Arvind Gaurav 27 जनवरी, 2009

    bimaari ho aisi. kitni majedaar hai ye bimari.

  30. हें प्रभु यह तेरापंथ 27 जनवरी, 2009

    भाईओ, बहनो

    आप सभी ने मेरे विचारो को सहरा आपका तेह दिल से शुक्रिया

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आपकी अमुल्य टीपणीयो के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद।
आपका हे प्रभु यह तेरापन्थ के हिन्दी ब्लोग पर तेह दिल से स्वागत है। आपका छोटा सा कमेन्ट भी हमारा उत्साह बढता है-