भारत बना दुनिया का बाप और मुम्बई से वडा-पाव चला विदेश

Posted: 25 नवंबर 2008

पॉलीथिन थैलीयो से बनाया पेट्रोल

मुम्बई 23 नवम्बर2008
जानी मानी वैज्ञानिक जोडी महेश्वर शरण और उनकी पत्नि माधुरी ने ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार करने का दावा किया है, जिससे 25 किलो पॉलीथिन थैलीयोसे लगभग 25 लिटर पेट्रोल बनाया जा सकता है।पति महेश्वर आई आईटी मुम्बई के केमीकल टेक्नोलॉजी डिपार्टमेन्ट से रिटायर हुए है और पत्नि माधुरी रिलायन्स लाइफसाइन्स के डायरेक्टर पद त्याग चुकी है।शरण दम्पति भारत को "कटिग एज टेक्नोलॉजी" मे बढत दिलाने मे जुटे हुऐ है। पति पत्नि के निर्दशन मे 22 वैज्ञानिक नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षैत्रो मे रिसर्च कर रहे है। महेश्वर भारत मे कार्बन नैनो-टेक्नोलॉजी के जनक है। भारत के अलावा इगलैण्ड,जापान, इटली, मे अपना लोहा मना चुके मस्तिष्को की इस बजोड यूति ने हल निकान ही लिआ। हल भी ऐसा कि विश्व भर के पर्यावरण के सामने मुह बाए खडा पॉलिथिन का सकट तो समाधान हुआ ही, दिनो-दिन कम हो रही उर्जा भण्डार को भी एअक नया स्त्रोत दिखाई देने लगा है।
नव भारत टाईम्स मुम्बई के लिये विशेष रुप से किये परीक्षण मे वैज्ञानिक जोडी महेश्वर शरण ने एअक छोटे से "फर्नस" मे प्लास्टीक के कचरे से बने दाने डाले गए। कन्टेनर मे ज्यादा प्लास्टिक भरा जा सके, इसके लिये प्लास्टिक की थैलियो को गला कर दाने बना लिये जाते है । परिक्षण के दोरान एक कैटेलिस्ट कि कुछ बुन्दे डाली जाती है और कुछ घण्टे तक करीब 400 डिग्री तक तपाने के बाद दुसरे सिरे पर लगे पाईप मे पैट्रोल जमा होने लगता है।
यह क्लीन फ्युल है। न तो परिक्षण के दोरान किसी तरह की जहरीली गैस निकती है न कोई केमिकल कचरा बनता है। सभी कुछ या तो वैक्स या पट्रोल मे बदल जाता है या फिर मिथेन गैस मे। जिसका उपयोग फिअर उर्जा के तोर पर किया जाता है। ओर बात यह भी है कि इस पैट्रोल मे खतरनाक लेड (सीसा) बिल्कुल नदारद है। कभी घीरुभाई अम्बानी से 65 लाख रुपयो कि तनख्वाह के अलावा रोजगार के अलावा रोजाना जामनगर से मुम्ब ई लोटने के लिये प्राइवेट हवाई जहाज रखकर उसे मनवाने वाली माधुरी इस वैज्ञानिक चमत्कार के बाद अपना उत्साह थाम नही पा रही।
धीर- गम्भीर महेश्वर शरण अपने कम श्ब्दो के बोलचाल मे स्पष्ट करते है -"कैटलिस्ट, तापमान ओर प्लास्टीक की क्वालिटी और मिश्रण कि मात्रा बदलकर वैक्स, फरनेस ऑयल या पैट्रोल , विभिन तरह के पैट्रो- केमिकल पाये जा सकते है। :-सोजन्य NBT (mahaveer b semlani)

मुम्बई का वडा पाव होगा कार्पोरेट
मुम्बई 23 नवम्बर2008 ,
डा पाव मे वडा ज्यादा महत्वपुर्ण है पाव ?
शिवाजी पार्क मे जमा मराठी अभिनेता प्रशान्त दामले ने सवाल पुछा।
भीड ने कहा-:पाव।"
दामले ने कहा -" नही! दोनो से ज्यादा महत्वपुर्ण है चट्नी । ठीक वैसे ही जैसे राजनेताओ के लिये कार्यकर्ता।उनके बिना वे कुछ नही।"
भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी ने कहा -"मै तो लिट्टी चोखा खाने वाला ठहरा पर मुम्ब ई का वडा-पाव खाने से मेरी गीतो मे मिठास बढी है"
अवसर था - वडा-पाव सम्मेलन। इसतरह का पहला आयोज था यह। आयोजक थे शिवसेना सॉसद सजय राउत। शिवसेना कि सस्कृति के साथ जुडे इस व्यजन को दुनिया भर मे पहुचाने के लिये उद्धव ठाकरे की पहल पर शिवाजी-पार्क मे किया गया। कोका कॉला एवम मैकडोनॉल्ड के सहयोग से वडा-पाव के ब्रैडेड बिजनेस कि शुरुआत की। जानी मानी हस्तिया मोजुद थी। शिवसेना सॉसद सजय राउत ने लालु प्रसाद यादव को लपेटते हुए कहा-" लालु कहते है कि महाराष्ट्र से प्रेम करते है। यदि वाक ई वो करते है तो शिवसेना के शिव वडा-पाव स्टॉल खोलने के लिये रेल्वे स्टेशनो प्लेटफॉर्मो पर मराठी लोगो को जगह दे। मुम्बई कि पहचान बन चुके आम आदमी का वडा-पाव अब कार्पोरेट होने जा रहा है। इसके लिये अभी तक 27 स्टोल धारको को चुना है स्पेल गाडी से शिव वडा-पाव का प्रचार किया जायेगा।:-
सोजन्य NBT (mahaveer b semlani)

3 comments:

  1. Udan Tashtari 25 नवंबर, 2008

    बढ़िया दिलचस्प खबर.

  2. Alpana Verma 25 नवंबर, 2008

    पॉलीथिन थैलीयो से बनाया पेट्रोल--महेश्वर शरण और उनकी पत्नि माधुरीजी को बहुत बहुत बधाई .अगर ऐसा सच में बडे स्केल पर भी हो सकेगा तो एक नयी क्रांति आ जायेगी.
    प्लास्टिक के साथ साथ पेट्रोल की समस्या का भी निदान हो जाएगा.
    ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ.
    -----------
    मुम्बई का वडा पाव होगा कार्पोरेट-शायद अभी भी है ही

    -वडा-पाव सम्मेलन-
    इस आयोजन के बारे में पढ़ कर अच्छा लगा--बड़ा पाव सच में स्वादिस्ट होता है..snacks में जैसे दोसा-गोलगप्पे-समोसे कचोरी हैं वैसे ही
    बड़ा पाव का अपना एक स्थान है.

  3. Shastri JC Philip 27 नवंबर, 2008

    25 किलो प्लास्टिक को 25 लिटर के करीब पेट्रोल मे !! सुन कर मन को बडा सकून मिला. आजकल प्लास्टिक तो एक शाप बन गया है, शायद अब इससे कुछ मुक्ति मिले!

    सस्नेह -- शास्त्री

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