अभिताभ बच्चन सोये पर, पिस्तोल रखकर
Posted:
30 नवंबर 2008 –
2:47 pm
अभिताभ बच्चन सोये पर, पिस्तोल रखकर
फिल्मी पर्दे पर भल ही इस महानायक ने सैकडो बार जॉबाज पुलिस ऑफिसर कि किरदार निभाया हो,पर मुम्बइ मे हुए ऑतकवादी हमलो ने इस हस्ती को भी भीतर से हिलाकर रख दिया.महानायक अमिताभ बच्चन को मजबुरन गुरुवार रात तकिये के निचे रिवॉल्वर रखकर सोना पडा। अभिताभ ने अपने ब्लोग पर लिखे ताजा पोस्ट मे कहा है, -"चूकि मुम्बई मे ऑतकवादी हमले मेरे सामने हुऐ,इसलिये बीती रात (गुरुवार को) मैने वह किया जिसके बारे मे मैने कभी सोचा भी नही था। रात को सोने से पहले मैने अपनी ३२ बोर कि लॉइसेन्सी रिवॉलवर निकाली और गोलियॉ भरी। उसके बाद रिवॉवलर को तकिये के नीचे रककर मैने बेहद मुश्किल से निन्द ली।" गुरुवार को अभिताभ के स्वर्गिय पिता डॉ हरिवशराय बच्चन का जन्म दिन था। ऑतकवादियो के साथ पुलिस मुटभेड की पल-पल की जानकारी लेने के लिये वे दिन भर टी वी स्क्रिन के सामने बैठे रहे। अपने ब्लोग मे बीग बी लिखते है,-"मेरा दुख दर्द और चिन्ता उन निर्दोष और असुरक्षित लोगो को लेकर है जो ऑतकवादी हमलो की मार झेलने को मजबुर है। साथ ही साथ जिन अधिकारियो पर हमारी सुरक्षा का जिम्मा है,उनकि नाकामी से भी मै नाराज हु।" एक के बाद एक हाद्से झेल चुकी मुम्बई के जजब्बे को भी बिग बी ने सराह। (एन बी टी २९११०८)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
साथ ही साथ जिन अधिकारियो पर हमारी सुरक्षा का जिम्मा है,उनकि नाकामी से भी मै नाराज हु।
" read your blog first time , its on current affairs, nice presentations. well said whole of the indinas are annoyd and angry with govt for delayed in all decisions...what ever has happened is very painful for everyone "
Regards
क्या किसी को भी नींद आयेगी ऐसे माहौल में जहाँ रातभर गोलियां और बम बरसते रहे और हमारे जांबाज लड़ते रहे , सामना करते रहे इन आंतकवादियों का....
क्या किसी को भी नींद आयेगी ऐसे माहौल में जहाँ रातभर गोलियां और बम बरसते रहे और हमारे जांबाज लड़ते रहे , सामना करते रहे इन आंतकवादियों का...
... बच्चन जी तो रिवाल्वर रखकर सो गये, किंतु जिनके पास रिवाल्वर नही थी और सो भी नही पाये, उन लोगों की दास्तान कितनी खौफनाक व मार्मिक होगी!
उदय जी ने बिल्कुल ठीक कहा
मेरे ब्लाग पर आने और ध्यान से पुरानी प्रविष्टियों को पढ़ने का शुक्रिया। आस्मां वाला पोस्ट मुझे भी बहुत पसंद है, वैक्यूवर में यूँ ही शाम को घूमते घामते ली थीं वो तस्वीरें, १.४ resolution के कैमरे से।और हैरानी ये कि वो तस्वीरें काफ़ी मशहूर हुईं थीं...
आप लिखते रहें।
शुक्रिया।
सही है...सभी का दुख औऱ आक्रोश जाहिर करने औऱ खुद को अभिव्यक्त करने का अपना तरीका होता है। ये बिग बी का तरीका था अपने भावों की अभिव्यिक्त का...और मीडिया उनके पीछे दौड़ पड़ा तलवार लेकर....क्या किया जा सकता है...जितने दिमाग उतनी खुराफातें।