आदरणिय पाठको को मेरा नमन!
आज ससार मे ऐसा कोई भी व्यक्त्ति नही होगा जिसने मेरे जितना अपनी मॉ का आशीर्वाद प्राप्त किया होगा। 11-NOV-2005 ठीक 3 वर्ष पुर्व मेरी मॉ हमे छोड चली गई। मॉ आशीर्वाद मु़झे सफलता कि मजिल की ओर अग्रसर करने मे पुर्ण रुप से साहयक बना। मुझे कदम कदम पर शक्ति एवम सम्बल प्रदान करेगा। मेरे मस्तिषक के स्मृति पटल पर मॉ का रुप सदैव युगो युगो तक अकित रहेगा। मेरी यही ईच्छा है कि हर जन्म मे मुझे यही मॉ मिले॥॥॥
आज मै जीवन के जिस मुकाम पर हू उसमे मेरे मॉ और बापुजी कि अहम भुमिका है। उन्होने अपनी कल्पना के चित्रो के रगो को मुझमे भरकर मेरे जीवन को आनदमय बना दिया। मै अपने जिवन के अतिम क्षणो तक पुर्ण रुप से कोशिश करुगा कि हर अधुरे सपने को पुरा करु॥॥॥॥
आज जबकी उनका नश्वर शरीर इस दुनिया मे नही है, मै अपने आप को अकेला महसुस करता हु क्यो कि मेरे दिन की शुरुआत मॉ के आशीर्वाद से शोरु होकर अन्त मे मॉ आशीर्वाद से ही समाप्त होती थी।
"समन्दर का कही छोर नही होता
बच्चो की किलकारी शोर नही होता
प्यार के दिखावे बहुत है यारो
मॉ की ममता जैसा कुछ और नही होता॥"
मॉ तुम्हारी याद आई
मॉ !
कितना मघुर, कितना सुखद,
कितना पवित्र है यह सम्बोधन!
तुम हमे छोडकर इस नश्वर दुनिया से
दूर चली हो
जहॉ से लोट कर
आज तक कोई नही आया।
मॉ!
ममता का कोई मोल नही होता।
9 महीने कोख मे रखकर
अपने रक्त से सीचती है
तब कही जाकर बच्चे को
इस दुनिया मे आने का
सोभाग्य मिलता है।
हाडमास के छोटे से पुतले को
बडी कठिनता से वह
एक सॉचे मे ढालती है
इस दुनिया मे सघर्ष करने का
होसला देती है,
उसके सारे दु:खो को, तकलिफो की
अपने ममतामय ऑचल मे
समेट लेती है
ऐसी ममतामय मॉ को
खो देने के बाद जीवन मे कितना वीराना,
सुनापन आ जाता है।
यह सत्य है,
कि यह ससार नश्वर है
एक दिन सभी को यहॉ से जाना है
लेकिन छोटी उम्र मे
तुम्हारे वियोग के बिना भी जीना पडेगा
इसे हम ने कभी सोचा नही था।
अपने दायित्व से मुक्त होने का
एहसास तुम्हे भले रहा हो
किन्तु तुम्हारे न रहने पर
तुम्हारा अपना बगीचा,
अपना उपवन
कितना विरान हो जायेगा
इसे भी सोचा था ?
मॉ!
जीते जी तो तुमने मुझे
वादा करने का अवसर ही नही दिया
किन्तु आज मै तुमसे
एक वादा करता हू-
जिन्दगी के किसी भी मोड पर
किसी भी परिस्थिति मे
हार नही मानूगा।
जीवन यात्रा मे चाहे कितनी ही बडी
रुकावटे क्यो न आए
हसते हसते उनका मुकाबला करुगा।
तुम्हारी प्रेरणा तुम्हारे आदर्श
कदम कदम पर
मुझे सम्बल प्रदान करेगे।
माँ को प्रणाम! तेरापन्थ पर कुछ लिखूं?....कौन सुनेगा...खुद माझी ही नाव डुबोने को तैयार है....सवारों का मालिक अरिहन्त!
मॉ!
कितना मघुर, कितना सुखद,
कितना पवित्र है यह सम्बोधन!
बहुत सुंदर भाव! आप सरीखी संतान पाकर आपकी माँ भी धन्य हैं!
आपकी श्रद्धा और मातृप्रेम को नमन है.जहाँ आज की पीढी अभिभावकों को मूर्ख और बोझ समझने में विश्वास करती है, वे अभिभावक भी धन्यभाग है ,जिन्हें आप संतान रूप में मिले हैं....
माता पिता के ऋण से कोई उऋण नही हो सकता.सत्य है कि माता पिता जीवित हो न हों,उनका आशीर्वाद सदा संतान के साथ होता है.
bouth he aacha post kiyaa aapne ji
Shyari Is Here Visit Jauru Karo Ji
http://www.discobhangra.com/shayari/sad-shayri/
Etc...........
समन्दर का कही छोर नही होता
बच्चो की किलकारी शोर नही होता
प्यार के दिखावे बहुत है यारो
मॉ की ममता जैसा कुछ और नही होता॥
bahut hi sundar bhaav..seedha dil se nikale hain--
Dil ko chhu gayee aap ki rachna...
Bahut acha
maa hoti he aise hai
jo hamesa yaad aati hai